स्कूल से लौटकर फोन नहीं किया तब मां ने पड़ौसियों को बताया-तब पता चला

 


इसका असर उसकी पढ़ाई पर भी हुआ। स्कूल में होमवर्क और पढ़ाई को लेकर टीचर्स और स्कूल मैनेजमेंट उसे प्रताड़ित करने लगे थे। इससे वह और अवसाद में आ गया। देवांश की मां रजनी ने बताया कि वह रोजाना स्कूल से घर पहुंचते ही उन्हें दुकान पर फोन किया करता था। शनिवार को स्कूल टाइम पूरा होने के बाद देवांश का फोन नहीं आया।


तब रजनी ने अपने बेटे को फोन किया। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। तब रजनी ने पड़ौसी को फोन कर देवांश को जगाकर बात करने को कहा। जब पड़ौसी कमरे में पहुंचा तब देवांश को फंदे पर लटकता देखकर परिजनों को बताया। कॉलोनिवासियों का कहना था कि देवांश बहुत होनहार लड़का था। उसकी मौत से हर कोई व्यथित था।