राजस्थान / डाॅक्टर को नाबालिग से दुष्कर्म के केस में फंसाया, एसपी समेत 4 पुलिसवालों की सीबीआई जांच होगी

 


 

 


राजस्थान / डाॅक्टर को नाबालिग से दुष्कर्म के केस में फंसाया, एसपी समेत 4 पुलिसवालों की सीबीआई जांच होगी




 




 

जयपुर/सवाई माधोपुर. सवाई माधोपुर की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग के दुष्कर्म व अपहरण के केस से हिंडौन निवासी डॉ. ओमप्रकाश मीना को सोमवार को दोषमुक्त कर दिया। साथ ही झूठे केस में फंसाने और मानसिक, शारीरिक-आर्थिक क्षति के अलावा सामाजिक प्रतिष्ठा गिरने को गंभीर मानते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार पर छह लाख रु. का हर्जाना लगाया है। जज दिनेश कुमार गुप्ता ने कहा कि क्षतिपूर्ति राशि दो माह में दी जाए।


इसके अलावा गृह विभाग के एसीएस को सवाई माधोपुर के तत्कालीन एसपी, डीएसपी समेत 4 पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिया है। जांच के दौरान चारों पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर या ट्रांसफर करने के आदेश दिए गए हैं। जांच में दोषी पाए जाने पर केस दर्ज करने के अलावा जुर्माना राशि चारों के वेतन से काटने के आदेश भी दिए गए हैं। 


जांच के दौरान सभी पुलिसकर्मी लाइन हाजिर रहेंगे
डॉक्टर के खिलाफ जांच और कोर्ट में चालान पेश करते समय सवाई माधोपुर के एसपी मामन सिंह यादव, गंगापुर सिटी डीएसपी नरेंद्र कुमार, सदर थाना गंगापुर सिटी के प्रभारी रेवड़मल व बाटोदा थाने के प्रभारी विनोद कुमार थे। कोर्ट ने चारों के खिलाफ दो माह में जांच करने को कहा है। इस दौरान ये लाइन हाजिर या आम जनता से सीधे संपर्क में नहीं आने वाले पदों पर ट्रांसफर रहेंगे। दोषी पाए जाने पर इनके खिलाफ केस दर्ज कर उचित कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं।


पुलिस की मिलीभगत से नाबालिग के परिजन प्रतिष्ठित लोगों को फांसते थे
अभियुक्त की ओर से पेश एडवोकेट भोलाशंकर शर्मा ने बताया कि 26 फरवरी 2018 को गंगापुर सिटी के राजकीय चिकित्सालय में वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. ओमप्रकाश के खिलाफ नाबालिग ने दुष्कर्म व अपहरण का केस दर्ज किया था। इसमें पुलिस ने पॉक्सो के अलावा अन्य धाराओं में केस दर्ज कर कोर्ट में चार्जशीट पेश की। अभियोजन की ओर से 16 गवाह व 32 दस्तावेज पेश किए गए, लेकिन सब के सब झूठे निकले। अभियुक्त की ओर से कोर्ट को बताया गया कि नाबालिग पीड़िता व उसके परिजनों ने कई जिलों में ब्लैकमेलिंग के उद्देश्य से सेवानिवृत्त आईएएस, हाईकोर्ट के एडवोकेट, बैंक अधिकारी व कई व्यापारियों को निशाना बनाया। पीड़िता व उसके परिजन पहले दुष्कर्म के झूठे आरोप लगाते फिर केस दर्ज करने की धमकी देकर पैसे एेंठते थे।